Video - The Power of Listening
राजा के दरबार में एक दिन बहस छिड़ गई कि बोलना महत्वपूर्ण है या सुनना। लोगो ने विभिन्न तर्क दिए, लेकिन राजा संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने सलाहकार से पूछा कि वह क्या सोचते हैं। सलाहकार अगले दिन एक योजना बनाई। उसने एक बड़ा भोज आयोजित किया और सभी लोग को आमंत्रित किया। भोज के अंत में, सलाहकार ने एक खेल खेलने का प्रस्ताव रखा सभी लोग को दो समूहों में बांटा और कहा कि एक समूह बोलेगा और दूसरा समूह सुनेगा। दोनों समूहों ने खेल खेला, पहले समूह ने लगातार बातें कीं जबकि दूसरे समूह ने ध्यान से सुना। कुछ समय बाद खेल को रोक दिया और उनके अनुभव पूछे। पहला समूह उन्हें किसी भी महत्वपूर्ण बात का याद नहीं था। दूसरा समूह उन्होंने सभी महत्वपूर्ण बातें ध्यान से सुनीं और उन्हें याद भी रखा। सलाहकार ने सभी को समझाया कि कम बोलने और अधिक सुनने से हम अधिक ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। राजा ने कि कम बोलने का महत्व है। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि दूसरों की बातें समझने का अवसर भी मिलता है। इस प्रकार, कम बोलने से न केवल हमें आत्मज्ञान मिलता है, बल्कि हम दूसरों की भावनाओं और विचारों को भी बेहतर समझ सकते हैं।