Video - पुरी जगन्नाथ मंदिर: आस्था और संस्कृति का अद्वितीय संगम
जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी में स्थित है और यह हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को समर्पित है। इसकी स्थापना 12वीं सदी में गंगा वंश के राजा अनंतवर्मन चोड़गंग देव ने की थी।मंदिर का प्रमुख आकर्षण उसकी रथ यात्रा है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को विशाल रथों में बिठाकर यात्रा कराई जाती है। यह त्योहार हर साल जून-जुलाई के महीने में आयोजित होता है और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं।जगन्नाथ मंदिर की वास्तुकला भी अद्वितीय है। यह मंदिर चार मुख्य भागों में विभाजित है: गर्भगृह, जहाँ देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं; नाटमंडप, जहाँ भक्तजन नृत्य और संगीत का आनंद लेते हैं; भोग मंडप, जहाँ भगवान को प्रसाद चढ़ाया जाता है; और जगमोहन, जहाँ भक्त पूजा करते हैं।मंदिर से जुड़ी कई किंवदंतियाँ और मिथक हैं। एक प्रमुख कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने स्वयं राजा इन्द्रद्युम्न को स्वप्न में प्रकट होकर इस मंदिर का निर्माण करने का आदेश दिया था। मंदिर में स्थापित काष्ठ की मूर्तियों को हर 12 से 19 साल में नवकलेवर अनुष्ठान के दौरान बदला जाता है।जगन्नाथ मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। कमेंट में हरे कृष्णा जरूर लिखे।