Video - विद्युत के बिना राजा: थॉर की कहानी
आसगार्ड पर सूर्य की किरणें ग्रास को सोने की तरह बदल रही थीं। थॉर, अब बिजली का भगवान नहीं, एक शानदार बाघ था। वह ऊंची घास के बीच घूम रहा था, एक चुप शिकारी एक ऐसे दुनिया में जिसने उसे भूल जाया था। उसे एक श्राप दिया गया था, रूपांतरित किया गया था, उसकी देवी शक्ति उससे छीन ली गई थी। वह शिकार हो गया था, एक जंगल का राजा बिना ताज का। लेकिन थॉर टूटा नहीं था। वह जीवन के लिए लड़ा, उसके पंजे और दांत भयानक हथियार बन गए। वह जंगल की भाषा सीख गया, जंगल के रहस्य समझ गया। वह एक ताज के बिन राजा था, लेकिन उसकी आत्मा अज्ञात रही, उसका इरादा अटल रहा। एक दिन, एक लड़का जिसका नाम लोकी था, अलगाव में अकेला और अकेला था, उसने थॉर को पाया। उसने अलग होने के दर्द को समझा, थॉर की आंखों का डर देखा। उसने राजा, योद्धा, भगवान, बाघ के अंदर फंसे। लोकी थॉर का विश्वासी बना, उसकी गुप्त जगह के लिए जोड़वार बन गया। उसने थॉर की हृदय में ताकत देखी, जो किसी भी विद्युत बिजली से भी अधिक उज्ज्वल थी। शिकारी आए, जो अविरल होते रहे। लोकी, थॉर को समझते हुए,