Video - राहुल और जादुई पत्थर: तीन पहेलियों का रोमांचक सफर
राहुल एक छोटे से गाँव में रहता था। एक दिन, खेलते-खेलते उसे एक चमकता हुआ पत्थर मिला। "वाह! यह तो जादुई पत्थर है," उसने उत्साहित होकर सोचा। पत्थर को हाथ में लेते ही, चारों ओर रंग-बिरंगी रोशनी फैल गई और राहुल एक अजीबो-गरीब जंगल में पहुँच गया। जंगल में अजीब-अजीब जानवर थे, जो बोल सकते थे। "मैं घर कैसे जाऊँ?" राहुल ने पूछा। एक तोते ने कहा, "अगर तुम तीन पहेलियाँ हल कर सको, तो पत्थर तुम्हें घर वापस ले जाएगा।" पहली पहेली थी, "क्या चीज़ है जो बिना पंख के उड़ती है?" राहुल ने सोचा और कहा, "काग़ज़ का हवाई जहाज़।" पत्थर चमका और दूसरी पहेली आई, "क्या चीज़ है जो जितना खींचो, उतनी छोटी होती जाती है?" राहुल ने मुस्कुराकर कहा, "रबर बैंड।" अब अंतिम पहेली थी, "क्या चीज़ है जो हमेशा बढ़ती रहती है, लेकिन न दिखती है, न सुनाई देती है?" राहुल ने कुछ देर सोचा और कहा, "समय।" पत्थर ने फिर से चमक बिखेरी और राहुल अपने गाँव में वापस आ गया। राहुल ने सीखा कि जिज्ञासा और धैर्य से हर समस्या का समाधान किया जा सकता है। और सबसे खास बात, उसने जादुई पत्थर को हमेशा के लिए संभाल कर रख लिया।