Video - Aleksander and Diogenes: A Philosophical Encounter
क्या आप जानते हैं कि प्राचीन ग्रीस में दार्शनिक डायोजनिस और महान सम्राट अलेक्जेंडर के बीच एक मजेदार और विचित्र मुलाकात हुई थी? एक बार, अलेक्जेंडर महान, जो अपनी विजय यात्रा पर था, डायोजनिस से मिलने के लिए आया। डायोजनिस, जो एक बड़े टब में आराम से बैठा हुआ था, तब तक नहीं उठा जब तक कि अलेक्जेंडर खुद उसके पास नहीं आया। अलेक्जेंडर ने डायोजनिस से पूछा, "क्या मैं तुम्हारे लिए कुछ कर सकता हूँ?" डायोजनिस ने बिना किसी झिझक के जवाब दिया, "हाँ, कृपया मेरी धूप से हट जाओ।" अलेक्जेंडर, इतने बड़े सम्राट, ने सोचा होगा कि डायोजनिस कुछ बड़ा मांगेगा, लेकिन उसने बस धूप में बैठने की आज़ादी मांगी। यह सुनकर अलेक्जेंडर ने कहा, "अगर मैं अलेक्जेंडर नहीं होता, तो मैं डायोजनिस होना चाहता।" सोचिए, एक महान सम्राट और एक दार्शनिक के बीच की यह साधारण सी बातचीत, कितनी गहरी और मजेदार है! क्या आप भी किसी से इसी तरह की सादगी भरी बातचीत की उम्मीद कर सकते हैं? कमेंट में बताइए!