Video - संत की सलाह: जीवन का सच्चा मतलब
मोहन बहुत ही मेहनती और लगनशील था। उसने अपना सारा जीवन कड़ी मेहनत करके धन कमाने में लगा दिया। उसके पास बहुत सारी संपत्ति, खेत, और गाड़ियाँ थीं। वह हमेशा काम में व्यस्त रहता और अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका नहीं पाता। उसके बच्चे उसे याद करते, लेकिन मोहन की प्राथमिकता हमेशा उसका व्यापार और धन होती। उसकी पत्नी भी उससे कहती, "मोहन, धन तो जरूरी है, लेकिन खुशियों के बिना यह सब व्यर्थ है।" एक दिन मोहन के गाँव में एक संत का आगमन हुआ। संत ने कहा, "जीवन केवल धन कमाने के लिए नहीं है। असली खुशियाँ हमारे रिश्तों, हमारे प्रेम और हमारे सेवा भाव में होती हैं।" संत की बातें मोहन के दिल को छू गईं। मोहन ने उसी दिन से अपना जीवन बदलने का निर्णय लिया। उसने अपने परिवार के साथ समय बिताने लगा। गाँव के लोगों की मदद करने लगा। उसने देखा कि जब उसने अपने परिवार के साथ समय बिताया, तो उसकी जिंदगी में एक नई ऊर्जा और खुशियाँ आ गईं। मोहन ने अपने अनुभव से यह सिखा कि जीवन में धन महत्वपूर्ण है, लेकिन सच्ची खुशियाँ उन पलों में होती हैं जो हम अपने प्रियजनों के साथ बिताते हैं और जब हम दूसरों की मदद करते हैं।