Video - साहसिक रात: मन्नू और रिज़वान की खजाने की खोज
रात का अंधेरा सब कुछ अपने आगोश में ले चुका था। गाँव के बाहर पुरानी हवेली के पास मन्नू और रिज़वान खड़े थे। वे दोनों साहसी लड़के थे, जिन्होंने गाँव के बुज़ुर्गों से सुनी कहानियों को साकार करने का मन बना लिया था। हवेली को लेकर गाँव में कई अफवाहें थीं – कुछ कहते थे कि वहां भूत रहते हैं, जबकि कुछ का मानना था कि वहां कोई गुप्त खजाना छुपा हुआ है। रिज़वान ने मन्नू से कहा, "चलो, आज हम इस हवेली का रहस्य जानकर रहेंगे।" मन्नू ने सहमति में सिर हिलाया और वे दोनों धीरे-धीरे हवेली के अंदर दाखिल हो गए। हवेली का मुख्य दरवाजा पुराने लोहे का था, जो जोर से किवाड़ खींचने पर चरिगंराने लगा। अंदर का दृश्य डरावना था – टूटी हुई छत, जाले से भरे कोने, और धूल से अटा फर्श। वे दोनों टॉर्च जलाकर आगे बढ़ रहे थे, जब अचानक एक ज़ोरदार आवाज आई। दोनों रुक गए और एक-दूसरे की तरफ देखा। "शायद ये हवा की आवाज है," रिज़वान ने खुद को दिलासा दिया। वे धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए। ताबूत जैसी अलमारियां और जर्जरित फर्नीचर को पार करते हुए, वे हवेली के पिछवाड़े में पहुंच गए। वहां एक बड़ा सा मिट्टी का घड़ा रखा हुआ था। मन्नू ने उसे खोलने की कोशिश की, मगर वह बहुत भारी था। रिज़वान ने मदद करते हुए कहा, "आओ, इसे मिलकर उठाते हैं।" जब उन्होंने घड़े का ढक्कन हटाया, तो उनकी आंखें चौंधिया गईं। घड़े के अंदर सोने-चांदी के सिक्कों से भरा हुआ खजाना था। वे दोनों खुशी से झूम उठे। मगर तभी, हवेली में एक और ज़ोरदार आवाज गूंजी। मन्नू और रिज़वान घबराकर खजाने को वहीं छोड़कर बाहर भागे। लेकिन बाहर निकलते समय उन्होंने देखा कि हवेली के दरवाजे के पास खड़ा एक बुज़ुर्ग आदमी मुस्कुरा रहा था। "तुम दोनों ने साहस दिखाया और हवेली के रहस्य को सुलझाया। ये खजाना अब तुम्हारा है," बुज़ुर्ग ने कहा और अचानक गायब हो गया। गाँव लौटकर मन्नू और रिज़वान ने सभी को खजाने के बारे में बताया। गाँव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया और बुज़ुर्ग आदमी की प्रशंसा की। उस दिन के बाद से वह हवेली किसी को भी डरावनी नहीं लगी, बल्कि साहस की प्रतिक बन गई। गाँव में वह रहस्य बनकर रह गया कि वह बुज़ुर्ग आदमी कौन था और क्यों उसने मन्नू और रिज़वान को खजाना दिया। लेकिन सभी जानते थे कि वो रात केवल खजाने की नहीं, बल्कि साहस और दुष्य की भी थी।